शुक्रवार, 20 सितंबर 2024

'तिरुपति के लड्डू में पशु वसा' विवाद के पीछे घी का बदला हुआ ब्रांड?

 हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद से जुड़े एक विवाद ने लोगों के बीच भारी चर्चा छेड़ दी है। इस विवाद का मुख्य कारण यह था कि लड्डू में इस्तेमाल किए गए घी में "पशु वसा" होने की अफवाह फैली थी। इस खबर के बाद भक्तों के बीच चिंता बढ़ गई और सवाल उठने लगे कि क्या सच में भगवान के प्रसाद में शुद्ध घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल हो रहा है। अब, ताजा अपडेट में जिस ब्रांड का नाम जुड़ा है, वह हैरान करने वाला है।

चंद्रबाबू नायडू ने प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में खरीदे गए घी में पशु वसा पाई गई थी, जिससे पिछले साल प्रसिद्ध नंदिनी घी की आपूर्ति में रुकावट की बात सामने आई है।

Laddu Prasad Distribution at Tirupati Temple
तिरूपति मंदिर में लड्डू का वितरण

घी ब्रांड का खुलासा:
खबरों के अनुसार, तिरुपति लड्डू में जिस घी का इस्तेमाल किया गया है, वह नंदिनी ब्रांड का था। नंदिनी घी भारतीय बाजार में एक प्रमुख ब्रांड है, जो वर्षों से अपनी गुणवत्ता और शुद्धता के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन इस ताजा विवाद ने इसके प्रति जनता का विश्वास हिला दिया है।

पशु वसा का आरोप:
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पोस्ट में दावा किया गया कि YSRCPब्रांड के घी में शुद्ध देसी घी के बजाय पशु वसा मिलाई जा रही है। यह दावा तेजी से वायरल हुआ और लोगों ने इसे बड़े पैमाने पर साझा करना शुरू कर दिया। इसके बाद, भक्तों और उपभोक्ताओं ने YSRCP ब्रांड के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई और इसकी सच्चाई जानने की मांग की।

मंदिर प्रशासन का बयान:
तिरुपति बालाजी मंदिर प्रशासन ने इस विवाद पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने साफ किया कि लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी की गुणवत्ता की नियमित जांच होती है और उसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं की जाती है। प्रशासन ने घी ब्रांड नंदिनी की ओर से सभी आरोपों को निराधार बताया और भक्तों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।

चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति के लड्डू में पशु वसा के इस्तेमाल के लिए वाईएसआरसीपी को दोषी ठहराया विवाद से पिछले साल प्रसिद्ध नंदिनी घी की आपूर्ति में रुकावट की बात सामने आई है घी की आपूर्ति के लिए हर छह महीने में निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं तिरुपति के लड्डू में पशु वसा की मौजूदगी को लेकर बड़े विवाद का मूल कारण प्रसादम बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी की गुणवत्ता है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में खरीदे गए घी में मछली का तेल और गोमांस की चर्बी पाई गई थी, जिससे पिछले साल प्रसिद्ध नंदिनी घी की आपूर्ति में रुकावट की बात सामने आई है।
Controversy over beef fat and fish oil adulteration in Tirupati Laddoo
तिरुपति लड्डू में गोमांस वसा, मछली का तेल मिला

विज्ञापन
श्री वेंकटेश्वर मंदिर में श्रीवारी लड्डू के स्वाद को निर्धारित करने में घी की गुणवत्ता की प्रमुख भूमिका होती है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं।

मंदिर का प्रबंधन करने वाला तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड हर छह महीने में घी की आपूर्ति के लिए निविदाएं आमंत्रित करता है और हर साल 5 लाख किलो घी खरीदता है।

नंदिनी घी क्यों बंद किया गया?
पिछले साल जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली सरकार ने कीमतों के मुद्दे पर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) से लड्डू के लिए नंदिनी घी की आपूर्ति बंद कर दी थी। करीब 15 साल तक साथ रहने के बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने बोली प्रक्रिया छोड़ दी थी, क्योंकि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से वह प्रतिस्पर्धी दरों पर घी उपलब्ध नहीं करा पा रहा था। पिछले साल कर्नाटक कैबिनेट ने नंदिनी दूध की कीमत में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। इसलिए, सबसे कम बोली लगाने वाले को अनुबंध दिया गया।

इस घटनाक्रम ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया, जब केएमएफ के अध्यक्ष के भीमा नाइक ने सुझाव दिया कि "भेदभावपूर्ण प्रथाओं" की वजह से प्रसिद्ध तिरुमाला लड्डू में नंदिनी घी नहीं डाला जा रहा है।

नाइक ने दावा किया था, "लड्डू अब पहले जैसे नहीं रहेंगे। नंदिनी बाजार में सबसे अच्छा घी उपलब्ध कराती है और सभी गुणवत्ता जांचों से गुजरती है। अगर कोई ब्रांड नंदिनी से कम कीमत पर घी की आपूर्ति कर रहा है, तो मुझे लगता है कि गुणवत्ता से समझौता किया जाएगा।" इस टिप्पणी ने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया, जिसमें भाजपा ने कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर तिरुपति मंदिर के मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। "लड्डू की गुणवत्ता से समझौता" और वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा मंदिर बोर्ड पर दूसरे ब्रांड से घी खरीदने का दबाव डालने के भी आरोप लगे।
 
Legal Notice Issued to Former TTD Chief of Tirupati Temple
तिरूपति मंदिर के पूर्व टीटीडी प्रमुख को नोटिस जारी किया गया

हालांकि, चंद्रबाबू नायडू द्वारा लड्डू की गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश के बाद केएमएफ ने अगस्त से टीटीडी को अपने प्रसिद्ध नंदिनी घी की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी है। यह घटनाक्रम जुलाई में आंध्र प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में नायडू की टीडीपी के सत्ता में आने के बाद हुआ, जिसमें भाजपा और जनसेना के साथ गठबंधन करके 167 सीटें जीतीं। तिरुपति में हर दिन करीब 3.5 लाख लड्डू बनाए जाते हैं और एक लड्डू बनाने में करीब 40 रुपये का खर्च आता है। लड्डू बनाने के लिए हर दिन करीब 400-500 किलो घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश और 200 किलो इलायची की जरूरत होती है।

तिरुपति लड्डू घी विवाद, पशु वसा तिरुपति लड्डू, नंदिनी घी ब्रांड, तिरुपति बालाजी लड्डू घी, तिरुपति लड्डू में पशु वसा, नंदिनी घी में पशु वसा, तिरुपति मंदिर घी विवाद, लड्डू घी में मिलावट,तिरुपति लड्डू घी की गुणवत्ता.

#TirupatiTemple #PrasadControversy #CMNaidu #SITProbe #CleansingRitual #FaithAndTrust #TempleTraditions #PublicConcern

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Top Credit Cards for Students and Beginners with High Cashback Offers in 2025

Starting your financial journey as a student or beginner can be exciting yet challenging. One of the best ways to build a solid credit histo...